दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में एक दर्दनाक हादसा हो गया है. वहां पर कुत्ते के काटने की वजह से हुए रेबीज बीमारी से एक 14 साल के बच्चे की मौत हो गई. आज हम रैबीज की बीमारी के बारे में बात करेंगे कि आखिर यह बीमारी कितनी ज्यादा खतरनाक है और यह कुत्ते के काटने से कैसे फैल सकता है? आंकड़े के मुताबिक हर साल रेबीज की वजह से 18 से 20 हजार लोगों की मौत होती है. भारत में रेबीज के लगभग 30 से 60 प्रतिशत ऐसे मामले हैं जिसमें 15 साल से कम उम्र वाले बच्चे शामिल हैं. खासकर बच्चों को जब कुत्ता कांट लेता है तो उसकी रिपोर्ट नहीं की जाती है.
रेबीज क्या है?
रेबीज एक ऐसी बीमारी है जो रेबीज नाम की विषाणु से फैलते हैं. खासकर यह जानवरों की बीमारी है. अगर किसी जानवर को यह बीमारी है और उसने किसी इंसान को काट लिया है तो यह बीमारी उसे भी फैल जाएगी. यह विषाणु इंफेक्टेड जानवरों के लार में होता है. जब कोई इस बीमारी से इंफेक्टेड जानवर इंसान को काट लेता है तो यह विषाणु लार के जरिए इंसान के ब्लड में चला जाता है.
रेबीज बीमारी के मुख्य लक्षण क्या होते हैं?
अगर किसी जानवर को रेबीज की बीमारी है और उसने अगर किसी जानवर को काट लिया है तो इसके लक्षण कुछ दिनों के अंदर दिखाई देने लगते हैं. वहीं दूसरी तरफ रेबीज के कुछ केसेस भी ऐसे हैं जिनके लक्षण का पता चलने में काफी ज्यादा वक्त लग जाता है. रेबीज की बीमारी का खास लक्षण यह है कि इसमें जानवर के काटते ही जिस जगह काटता है उसके आसपास की मांसपेशियाों में सनसनाहट शुरू हो जाती है. रेबीज का विषाणु ब्लड में पहुंच जाता है जिसके बाद वह दिमाग तक चला जाता है.
रेबीज की बीमारी के लक्षण
- तेज दर्द होना
- थकावट महसूस होना
- सिर में दर्द होना
- बुखार आना
- मांसपेशियों में जकड़न और दर्द होना
- चिड़चिड़ापन होना
- अजीब सा ख्याल आना
- कमजोरी होना लकवा मार देना
- लार या आंसु ज्यादा बनने लगते हैं
- तेज आवाज से गुस्सा आना
- बोलने में तकलीफ होना
- किसी पर भी अटैक कर देना
रेबीज किन किन जानवरों से फैलता है ?
रेबीज की बीमारी कुत्तों, बिल्लियों, बंदरों को काटने से फैलता है. दरअसल, अगर किसी इन जानवरों में से किसी को रेबीज की बीमारी है तो वह इंसान को काटेगा तो उसमें भी फैल जाएगा.
रेबीज का इलाज है क्या?
वैसे तो रेबीज का इलाज नहीं है लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो रेबीज होने के बाद भी जिंदा बच जाते हैं. अगर किसी व्यक्ति को रेबीज की बीमारी वाले कुत्ते ने काट लिया है तो उसे समय-समय पर वैक्सीन लगवाना चाहिए.
वैक्सीनेशन
आप अगर अपने घर में किसी भी तरह का जानवर पालते हैं तो सबसे ज्यादा जरूरी है कि उसकी समय-समय पर वैक्सीनेशन करवाते रहें. ताकि वह अगर किसी को खरोच या कांट भी लें तो घर में रह रहें व्यक्ति को किसी भी तरह की परेशानी न हो. अगर आपके पालतू जानवर को समय-समय पर वैक्सीन लग रहे हैं तो आप निश्चिंत हो सकते हैं.