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2050 तक सबसे ज्यादा यूज होने वाला घरेलू उपकरण बन जाएगा AC

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AC का इस्तेमाल 2010 के बाद से 3 गुना तक बढ़ गया है. आज बढ़ती गर्मी और आय में हुई वृद्धि की वजह से लोग जमकर AC खरीद रहे हैं और प्रति 100 घरों में से 24 लोगों के पास आज AC कनेक्शन है.अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि स्पेस कूलिंग के कारण बिजली की खपत 2019 और 2022 के बीच 21% बढ़ गई है और आज लगभग 10% बिजली की मांग स्पेस कूलिंग आवश्यकताओं से आती है. यानि AC की डिमांड के साथ-साथ बिजली की खपत भी बढ़ रही है.

HT की रिपोर्ट के मुताबिक, आईईए के वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक ने अनुमान लगाया है कि 2050 तक घरेलू एयर कंडीशनर का इस्तेमाल 9 गुना तक बढ़ सकता है जो टेलीविजन, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन सहित अन्य सभी घरेलू उपकरणों के इस्तेमाल को पीछे छोड़ देगा.

80 करोड़ से ज्यादा लोगों तक पहुंचाई गई बिजली 

आईईए के अनुसार, 2010 के बाद से भारत ने 81 करोड़ लोगों तक बिजली पहुंचाई है जो यूरोपीय संघ और अमेरिका की संयुक्त आबादी से भी अधिक है.
वहीं, इसी अवधि में 655 मिलियन लोगों तक स्वच्छ खाना पकाने की सुविधा भी पहुंचाई गई है. हालांकि आज भी 43 करोड़ लोग पारंपरिक बायोमास का उपयोग करने वाले घरों में रहते हैं और वे इसी से अपनी जीविका चलाते हैं.

मौसम परिवर्तन और बढ़ती आय की वजह से बढ़ी डिमांड 

रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 5 दशकों में भारत में 700 से अधिक लू की घटनाएं देखी गई है  जिसमें 17,000 से अधिक लोगों की जान गई है. बदलते मौसम और बढ़ती आय की वजह से एयर कंडीशनर का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है, जो 2010 के बाद से तीन गुना होकर प्रति 100 घरों में 24 यूनिट तक पहुंच गया है. आईईए के रिपोर्ट में ये कहा गया है कि इसका मतलब ये कतई नहीं है कि 24% घरों में एयर कंडीशनर हैं, बल्कि ये है कि उनके बीच, 100 घरों में 24 एसी हैं, जबकि कुछ के पास कई एसी होने की संभावना है. यानि एक से ज्यादा AC हैं.

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