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Jalandhar में मंडराया इस बीमारी का खतरा

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भारत में एक बार फिर स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ते दिख रहे हैं। झारखंड, दिल्ली, माहाराष्ट्र, केरल, मिज़ोरम जैसे राज्यों में स्वाइन फ्लू के कई मामले पिछले एक महीने में सामने आए हैं। ज्यादातर लोग इसे कोविड मानकर जांच कराने अस्पताल पहुंच रहे हैं। डाक्टरों का कहना है कि क्योंकि स्वाइन फ्लू और कोविड के लक्षण एक तरह के हैं इसलिए लोगों में इसे लेकर कन्फ्यूजन हो रहा है।

सिविल अस्पताल की एम.एस. (मैडीकल सुपरिंटैंडैंट) डा. गीता ने आज अस्पताल के स्पैशलिस्ट, एमरजैंसी मैडीकल आफिसरों तथा फार्मसिस्टों व स्टाफ नर्सों को बुलाकर अहम मीटिंग की। इस दौरान सीनियर मैडीकल आफिसर डा. सतिद्र सिंह बजाज, एस. एम.ओ. डा. परमजीत सिंह, डा. सुरजीत सिंह, इंचार्ज एमरजैंसी वार्ड डा. हरवीन कौर, डा. मंयक अरोड़ा, डा. एम.पी. सिंह, डा. प्रिंयका, डा. सचिन आदि मौजूद थे। डा. गीता ने कहा कि अस्पताल में स्वाइन फ्लू का मरीज अभी तक तो नहीं आया है और पता चला है कि पंजाब में । केस सामने आया हैं। फिल्हाल जालंधर जिले में कोई केस सामने नहीं आया है, सेहत विभाग फिर भी पुरी तरह से सर्तक हो चुका  है। ट्रामा वार्ड में स्वाइन फ्लू आइसोलेशन वार्ड भी तैयार किया गया है। डा. गीता ने बताया कि लोगों को घबराने की जरुरत नहीं है बल्कि सर्तक रहकर सावधानियां बरतनी होगी। फिल्हाल जालंधर में स्वाइन फ्लू का कोई मरीज सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि अगर आप सांस लेने में तकलीफ, उल्टी, पेट में तेज दर्द, चक्कर आना जैसे लक्षण महसूस हो तो तुंरत निकट के सरकारी अस्पताल के पास टैस्ट करवाएं।

स्वाइन फ्लू के कारण
सेहत विभाग के अनुसार, स्वाइन फ्लू इंफ्लूएज़ा वायरस के एक स्ट्रेन की जह से होता है, जो आमतौर पर सुअरों को संक्रमित करता है। टाइफस के विपरीत, यह वायरल संक्रमण जूं या टिक्स द्वारा फैल सकता है। यह आमतौर जर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति महोता है न कि जानवर से मनुष्य में। अत्यधिक संक्रामक स्वाइन फ्लू का लार और बलगम के कणों से फैलता है। हालाकि छींकते और खांसते समय भी फैल सकता है। वहीं विशेष रूप से जो लोग इस से संक्रमित होते हैं, वे लक्षण महसूस करने से पहले ही दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। साथ ही बीमार होने के 7 दिन बाद तक इसे फैला सकते है। वहीं, बच्चे 10 दिनों तक संक्रामक हो सकते हैं।

स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू के लक्षण मौसमी फ्लू की तरह के ही होत हैं। इसमें पीड़ित को खांसी, बुखार और गले में खराश होती है। नाक का बहना या बंद होना, बदन दर्द, सिर दर्द, ठंड लगना, थकान इत्यादि लक्षण हैं।

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