नई दिल्ली. रेलवे क्राॅसिंग में जाम की वजह से घंटों-घंटों फंसे रहना बीते दिनों की बात बन जाएगी. रेलवे मंत्रालय ने लोगों को राहत देने के लिए मेगा प्लान बनाया है, जिससे समय और ईंधन दोनों की बचत होगी, साथ ही पर्यावरण को बचाने में भी मदद मिलेगी. इसके लिए लोगों को लंबा इंतजार नहीं करना होगा. राहत देने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है.
रेलवे क्राॅसिंग बंद होने पर वाहन चालकों का औसतन 13 मिनट का समय बर्बाद होता है. क्राॅसिंग में कई बार एंबुलेंस भी फंस जाती है, जिससे मरीज की हालत तक खराब हो जाती है. इन तमाम परेशानियों को देखते हुए भारतीय रेलवे इन रेलवे क्राॅसिंग को खत्म करने की योजना बना चुकी है. यहां पर रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) और रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) बनाने जा रही है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वर्ष 2023-24 में 1200 आरओबी और आरयूबी का काम निर्माण किया जा रहा है. इनकी समय सीमा तय कर दी गयी है, जिससे लोगों को अधिक समय तक परेशानी न झेलनी पड़े. उन्होंने बताया कि प्रति आरओबी और आरयूबी के निर्माण में 30 से 40 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. कोशिश की जा रही है कि ज्यादातर उन रेलवे क्राॅसिंग में आरओबी या आरयूबी का निर्माण किया जाए, जहां पर अधिक ट्रैफिक का आवागमन होता है. क्राॅसिंग बंद होने के बाद वाहनों की लाइन लग जाती है. रेल मंत्री ने बताया कि रेल नेटवर्क पर क्रॉसिंग को खत्म करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है.
पिछले वर्ष से अधिक निर्माण का लक्ष्य
रेल मंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष 1002 आरओबी और आरयूबी का निर्मााण किया गया था. इस बार संख्या बढ़ा दी गयी है, इस तरह पिछले वर्ष से करीब 20 फीसदी ज्यादा आरओबी और आयूबी का निर्माण किया जा रहा है.