शिरोमणि अकाली दल में सोमवार को जागो पार्टी का विलय हो गया. अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने दिल्ली में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और जागो पार्टी के संरक्षक मनजीत सिंह जीके को अपनी पार्टी में शामिल किया है. इसके अलावा अन्य कई वरिष्ठ नेता भी अकाली दल में शामिल हुए हैं. मनजीत सिंह जीके का शिरोमणि अकाली दल में शामिल होना सिख राजनीति के लिए बड़ा संकेत माना जा रहा है. दिल्ली के साथ-साथ पंजाब में भी अब इसका असर दिखने वाला है.
बिखरी हुई पार्टी को एकजुट करने में जुटे बादल
लोकसभा चुनाव से पहले सुखबीर सिंह बादल अपनी बिखरी हुई पार्टी को फिर से एकजुट करने की कोशिश में लगे हुए हैं. रूठे हुए नेताओं को फिर से एक साथ जोड़ने की कवायद तेज हो चुकी है. इसका फायदा शिरोमणि अकाली दल को लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है.
बिना शर्त अकाली दल में शामिल हुए मनजीत सिंह जीके
अकाली दल में वापसी के बाद मनजीत सिंह जीके की प्रतिक्रिया भी आई है. उन्होंने कहा कि जागो पार्टी का बिना किसी शर्त के अकाली दल में विलय हुआ है. सिखों मुद्दों को उठाने के लिए हमें एकजुट होने की जरूरत है. बंदी सिखों की रिहाई के लिए हम मिलकर लड़ेंगे. सभी सिखों को एकजुट होने की जरूरत है.
आपको बता दें कि अकाली दल ने साल 2019 में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरने के बाद मनजीत सिंह जीके को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया था. जिसके बाद जीके ने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था और जागो पार्टी नाम से अपनी एक अलग पार्टी बनाई थी. फिलहाल अब जागो पार्टी के अकाली दल में विलय से अकाली दल को मजबूती मिली है. बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के बाद अकाली दल अपने आपको मजबूत करने के लिए रूठे हुए सिख नेताओं को मनाने में लगा है.